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उत्तराखंड विधानसभा में पारित हुआ सख्त भू-कानून संशोधन विधेयक, फाइल चित्र (चित्र साभार: जागरण)
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन सदन के पटल पर कई प्रस्ताव रखे गये। शुक्रवार (21 फरवरी 2025) को सीएम धामी ने सदन में उत्तराखंड भू-कानून को लेकर उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था संशोधन विधेयक 2025 को पटल पर रखा। जिस पर विपक्ष द्वारा विधेयक पर चर्चा की मांग की गई और चर्चा के बाद भू-कानून को सदन द्वारा पारित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर इस संबंध में जानकारी दी, “सख़्त भू-कानून संशोधन विधेयक विधानसभा से हुआ पारित !”
"सख़्त भू-कानून संशोधन विधेयक विधानसभा से हुआ पारित !"
आज उत्तराखण्ड विधानसभा में भू-कानून को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक पास किया गया। देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और आमजन के अधिकारों की रक्षा हेतु सख्त भू-कानून नितांत आवश्यक था। यह कानून प्रदेश… pic.twitter.com/9omaZPNVGF
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 21, 2025
सीएम धामी ने कहा, “आज उत्तराखण्ड विधानसभा में भू-कानून को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक पास किया गया। देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और आमजन के अधिकारों की रक्षा हेतु सख्त भू-कानून नितांत आवश्यक था। यह कानून प्रदेश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री पर रोक लगाएगा और राज्य के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखेगा।”
उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण निर्णय उत्तराखण्ड की जनता की भावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हमारी सरकार देवभूमि के सम्मान, संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
इससे पहले सदन में भू-कानून पर चर्चा के दौरान सीएम धामी ने कहा, उत्तराखंड के संसाधनों को भू माफिया से बचाने के लिए कोशिशें की जा रही है। उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों के साथ ही मैदानी इलाके भी है। जिनकी भौगोलिक परिस्थितियां अगल अलग है। इसके साथ ही निवेशकों का ध्यान भी रखा जा रहा है। इन सभी मुद्दों को समाहित करते हुए सरकार ने भू सुधार की नींव रखी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, पिछले कुछ सालों में राज्य में बाहरी लोगों द्वारा जमीनें खरीदी गई। जिसका उपयोग नहीं किया जा रहा था। इस कानून के लागू होने के बाद ये समस्या नहीं होगी। इससे भू माफिया को पहचानने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार लगातार अतिक्रमण हटाने का काम कर रही है। साथ ही प्रदेश सरकार इकोनॉमी और ईकोलॉजी को ध्यान में रखकर काम कर रही है।
सीएम धामी ने चर्चा के दौरान सदन को बताया, कि भू-कानून उलंघन के 599 मामलों में से 572 मामले न्यायालय में है। राज्य बनने के बाद लगातार राज्य विकास में भू प्रबंधन को लेकर काम हुये है। इसी को आगे बढ़ाते हुए सरकार प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने बताया, कि 11 जनपदों में भूमि खरीदने पर रोक लगाई है। अब शासन स्तर पर जमीन खरीद के लिए मंजूरी लेनी होगी।
उत्तराखंड विधानसभा में पारित सख्त भू-कानून संशोधन विधेयक के नियम
- निकाय सीमा में निर्धारित भूमि उपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल करने पर होगी सख्त कार्रवाई।
- अब राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीद की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी और बंदोबस्ती का कार्य शीघ्रता से पूरा किया जाएगा।
- बाहरी राज्य के लोगों के लिए प्रदेश में जमीन खरीदना बेहद कठिन हो जाएगा।
- जमीनों की खरीदारी के लिए अब जिलाधिकारी अनुमति नहीं दे पाएंगे।
- राज्य में भूमि खरीद के लिए पोर्टल बनाया जाएगा, पोर्टल में राज्य के बाहर के लोगों की एक-एक इंच जमीन खरीद का भी ब्यौरा दर्ज किया जायेगा।
- सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी।
- प्रदेश से बाहर के लोगों द्वारा भू-कानून का दुरुपयोग करने पर सरकार स्तर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- भू-कानून नियमों से हटकर किए गए उपयोग पर भूमि सरकार में निहित कर दी जाएगी।
- इस कानून से भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और प्रदेश के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।
- इस कानून से राज्य सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर भी रोक लगेगी।
- पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।