चमोली जिले में स्थित चौखंबा-3 शिखर पर ट्रैकिंग के लिए गई विदेशी महिला पर्वतारोहीयों को पूरे तीन दिन तक चले सर्च अभियान के बाद रविवार (6 अक्टूबर 2024) को रेस्क्यू कर लिया गया है। एसडीआरएफ की टीम ने हवाई और पैदल सर्च ऑपरेशन चलाया जबकि वायु सेना ने हेलीकाप्टर की सहायता से ट्रेकर्स को ढूंढकर एयरलिफ्ट किया। दोनों ट्रेकर्स सकुशल है, और उन्हें जोशीमठ हेलीपेड पर पहुंचाया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने मीडिया को जानकारी दी, “SDRF रेस्क्यू टीम के पैरेलल सर्च ऑपरेशन में जुटी वायु सेना की रेस्क्यू टीम द्वारा चॉपर के माध्यम से ट्रैक पर रैकी करते हुए दोनों ट्रेकर्स को ढूंढ़कर चॉपर की सहायता से एयरलिफ्ट कर जोशीमठ हेलीपेड पर पहुंचाया गया।
As per the instructions of Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami, 2 mountaineers trapped at an altitude of 6015 meters on Chaukhambha mountain in Chamoli district have been successfully rescued: Uttarakhand CMO
On the evening of 3rd October, the Disaster Management… pic.twitter.com/Wrpka2zgmj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 6, 2024
रविवार की सुबह तक जोशीमठ ले जाने में लॉजिस्टिकल बाधाओं के कारण देरी हुई, जबकि रेस्क्यू टीम ने शनिवार रात देर से फंसी हुई पर्वतारोहियों को खोज निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर लाया गया। वहीं स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया, “भारतीय वायु सेना और एसडीआरएफ का संयुक्त खोज और बचाव ऑपरेशन हमारे टीम की उच्च ऊंचाई पर बचाव कार्यों में विशेषज्ञता के कारण सफल रहा।”
उन्होंने बताया, कि इस मिशन के लिए 11 विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई थी। घटनास्थल 6,200 मीटर पर था, और हमारी टीम 4,900 मीटर पर स्थित एक अग्रिम बेस कैम्प से सर्च अभियान चला रही थी। बता दें, कि चौखंबा पर्वत-3 के आरोहण के लिए ब्रिटिश नागरिक फायजने मन्नेस, और अमेरिकी नागरिक मिचेल थेरेसा देवोरोक, इंडियन काउंट ट्रेनिंग एसोसिएशन से परमिशन लेकर चौखंबा ट्रैकिंग पर गए थे।
महिला पर्वतारोहीयों के पास 11 सितंबर से 18 अक्तूबर तक की अनुमति थी, लेकिन, 3 अक्तूबर को शाम के समय चौखंबा पर चढ़ाई करते हुए उनका बैग खाई में जा गिरा। जिससे वह बर्फ से ढके चौखंबा पर्वत पर फंस गए। जिसके बाद उन्होंने पेजर के माध्यम से अमेरिकी दूतावास से संपर्क किया।
सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों ने सर्च अभियान चलाया। प्रारंभिक चरण में 5 अक्तूबर को हेलीकॉप्टर की सहायता से हवाई सर्चिंग की गई, लेकिन दुर्गम इलाके की चुनौतियों के कारण SDRF के चार जवानों की टीम को एडवांस बेस कैंप (4900 मीटर) पर हेलीकॉप्टर से उतारा गया। बता दें, कि यह पर्वत 6,995 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और ट्रैकिंग के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण माना जाता है।