उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार (22 अगस्त 2024) को धामी सरकार ने सदन के पटल पर अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश किया। वहीं इसके साथ ही आठ विधेयक भी सदन पटल पर पेश किये गए।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार को सदन में वर्ष 2024-25 का 5013.05 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। इस अनुपूरक बजट में 1256.16 करोड़ पूंजीगत विकास के लिए रखा गया है। इसका तात्पर्य है, कि इस बजट से अवस्थापना विकास कार्य किए जाएंगे। वहीं सरकार चलाने के लिए खर्च आने वाले राजस्व पक्ष में 3756.89 करोड़ रुपए रखे गए हैं, जबकि केंद्रीय पोशाक योजनाओं के लिए यानी सेंट्रल फंडेड प्रोजेक्ट में 1531.65 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
मानसून सत्र के दूसरे सदन में पेश हुए आठ विधेयक
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024
- उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024
- उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक
- उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024
- उत्तराखंड कामगार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024
- विनियोग विधेयक 2024
गैरसैंण
➡विधानसभा में 2024-25 का अनुपूरक बजट पेश हुआ
➡उत्तराखंड का 5013.05 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
➡सेंट्रल फंडेड प्रोजेक्ट में 1531.65 करोड़ का बजट रखा
➡आपदा प्रबंध विभाग में SDRF के लिए 718.40 करोड़
➡समग्र शिक्षा के अन्तर्गत 697.90 करोड़ बजट रखा गया
➡नगरीय… pic.twitter.com/ctFZNBEzOU
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) August 22, 2024
अनुपूरक बजट के अहम बिंदु
- आपदा प्रबंबध विभाग के अंर्तगत एसडीआरएफ हेतु 718.40 करोड़ रुपए।
- समग्र शिक्षा के अंतर्गत 697.90 करोड़ रुपए।
- एसडीएमएफ के अंतर्गत 229.6 करोड़ रुपए।
- सूचना विभाग के अंतर्गत 225 करोड़ रुपए मिले।
- शहरी विकास के अंतर्गत नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण हेतु बाह्य सहायतित योजनाओं में 192.00 करोड़ रुपए मिले।
- पेयजल विभाग में सिवरेज मैनेजमेंट कार्यों हेतु धनराशि के रिंग फेंसिंग किये जाने हेतु 120 करोड़ रुपए मिले।
- गैर सरकारी महाविद्यालयों को सहायता अनुदान के लिए 100.03 करोड़ रुपए मिले।
- अटल आयुष्मान उत्तराखणंड योजना (पेंशनर) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए मिले।
- शहरी विकास के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस आवासों हेतु 96.76 करोड़ रुपए मिले।
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत लगभग 130 करोड़ रुपए मिले।
- अग्निशमन सेवाओं का विस्तार एवं आधुनिकीकरण के अंतर्गत 71 करोड़ रुपए मिले।
- मातृत्व लाभ योजना (प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना) मिशन शक्ति-सार्मथ्य के अंतर्गत 70 करोड़ रुपए मिले।
यूनिटी मॉल / प्लाजा निर्माण के अंतर्गत 69 करोड़ रुपए मिले। - यू जेवीएनएल में ऋण (एसएएससीआई) के अंतर्गत 61 करोड़ रुपए मिले।
- यूपीसीएल परियोजनाओं हेतु ऋण (एसएएससीआई) के अंतर्गत 61 करोड़ रुपए मिले।
- उत्तराखंड निवेश एवं आधिकारिक संरचना विकास निधि (यूआईआईडीएफ) के अंतर्गत 52 करोड़ रुपए मिले।
- अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत 50 करोड़ रुपए मिले।
- प्रदेश के मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण कार्य के अंतर्गत 50 करोड़ रुपए मिले।
- नाबार्ड पोषित मार्गों / पुलियों का अनुरक्षण हेतु 50 करोड़ रुपए मिले।
- पीएमजीएसवाई से बनी सड़कों का अनुरक्षण के अंतर्गत 50 करोड़ रुपए मिले।
- टिहरी झील के विकास हेतु 50 करोड़ रुपए मिले।
- स्थानीय निकायों व पंचायती राज अधिष्ठानों को समनुदेशन के अंतर्गत लगभग 46 करोड़ रुपए मिले।
- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत 40.95 करोड़ रुपए मिले।
- नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजनाओं के अंतर्गत 40 करोड़ रुपए मिले।
- विभिन्न विभागों के अंतर्गत पीएम जनमन योजना हेतु लगभग 44.11 करोड़ रुपए मिले।
- प्रधानमंत्री आवास योजना वन टाइम लोन के अंतर्गत 35.83 करोड़ रुपए मिले।
- एनईपी के अंतर्गत पीएम श्री योजना के अंतर्गत 76.22 करोड़ रुपए मिले।
- गौ सदन के निमार्ण हेतु 32 करोड़ रुपए मिले।
- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत 36.18 करोड़ रुपए मिले।
- स्टांप एवं पंजीकरण विभाग के अंतर्गत 27.58 करोड़ रुपए मिले।
- JVNAL में निवेश के लिए (SASCI) 26 करोड़ रुपए मिले।
- UPCL परियोजनाओ में निवेश (SASCI) अंतर्गत 26 करोड़ मिले।
- राज्य संपत्ति विभाग द्वारा आवासीय / अनावासीय भवन निर्माण के अंतर्गत 25 करोड़ मिले।
- पुलिस कर्मियों के लिए आवास हेतु 25 करोड़ रुपए मिले।
- नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना (अनावासीय) के अंतर्गत 25 करोड़ रुपए मिले।
- सहकारी, सार्वजनिक एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलो को पीपीपी हेतु वीजीएफ अंतर्गत 25 करोड़ रुपए मिले।
- सिंचाई विभाग में अन्य रख-रखाव की मद के अंतर्गत 25 करोड़ रुपए मिले।
- वनों की सुरक्षा एव प्रबंधन के अंतर्गत 25 करोड़ रुपए मिले।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु 20 करोड़ मिले।
- उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना हेतु लगभग 20 करोड़ रुपए मिले।
- डेरी विकास परियोजना हेतु रिवाल्विंग फंड हेतु 15.00 करोड़ रुपए मिले।
- हाउस ऑफ हिमालयाज को एक सशक्त ब्रान्ड के रूप में स्थापित करने हेतु 10.00 करोड़ रुपए मिले।
- पर्वतीय मार्गों में परिवहन निगम द्वारा बस संचालन के फलस्वरूप होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति हेतु 15 करोड़ रुपए मिले।
- परिवहन निगमों की बसों में निर्धारित श्रेणियों के यात्रियों हेतु निशुल्क यात्रा सुविधा हेतु 12 करोड़ रुपए मिले।
- प्रदेश के समस्त जनपदों में हवाई संपर्क सैचुरेशन हेतु उड़ान योजना के अंतर्गत 10.00 करोड़ रुपए मिले।
- साईलेज एवं दुधारू पशु पोषण योजना हेतु 10 करोड़ रुपए मिले।
- मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि अंतर्गत 8.00 करोड़ रुपए मिले।
- सेतु आयोग हेतु 7.80 करोड़ रुपए मिले।
- काशीपुर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु 5.75 करोड़ रुपए मिले।
- मुख्यमंत्री उड़न खटोला योजना के अंतर्गत 5.00 करोड़ रुपए मिले।
- विद्या समीक्षा केन्द्र हेतु 5.00 करोड़ रुपए मिले।
- राजकीय वृद्ध आश्रम का भवन निर्माण हेतु 5.00 करोड़ रुपए मिले।
- पीएमई बस सेवा स्कीम अंतर्गत देहरादून एवं हरिद्वार में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हेतु लगभग 5.00 करोड़ रुपए मिले।
- आईस स्केटिंग रिंग के संचालन हेतु एक बारगी (वन टाईम) अनुदान के रूप में 5.00 करोड़ रुपए मिले।
- मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना हेतु 6 करोड़ रुपए मिले।
- मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना हेतु 2 करोड़ रुपए मिले।
- वर्ल्ड आयुर्वेदा कांग्रेस एवं एक्सपों के आयोजन हेतु 2 करोड़ रुपए मिले।
- प्रधानमंत्री मातृत्व योजना हेतु लगभग लगभग 1.44 करोड़ रुपए मिले।