पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में दिसंबर महीने में जहाँ दिन में चटख धूप खिल रही है, वहीं रात में पारा में रिकॉर्ड तोड़ गोते लगा रहा है। राज्य के कई इलाकों में रात में न्यूनतम तापमान सामान्य से बेहद नीचे चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उत्तराखंड में नजर नहीं आ रहा है। हालाँकि इसके बावजूद भी कड़ाके की सर्दी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, पश्चिम विक्षोभ लगभग एक महीने सुप्त अवस्था में है। इसके अलावा करीब दो महीने से राज्य में वर्षा नहीं हुई है। इस कारण राज्य का मौसम शुष्क बना हुआ है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बीते रविवार की रात में देहरादून में न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से छह डिग्री अधिक है।
मौसम विभाग के अनुसार, 15 दिसंबर के बाद कड़ाके की सर्दी जोर पकड़ने के पूरी संभावना है। वहीं अगले तीन दिनों तक राज्य के कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान एक से दो डिग्री गिरने की संभावना है। दिन और रात में मौसम के विपरीत व्यवहार से अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच भारी अंतर उत्पन्न हो गया है। चिकित्सकों के मुताबिक, इस मौसम से कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगो के स्वास्थ्य पर चिंताजनक प्रभाव पड़ रहा है।
District Level Forecast/Warning for Uttarakhand issued on 12/12/2022 pic.twitter.com/r3KfKZ38En
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) December 12, 2022
चिकित्सकों के अनुसार, अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच भारी अंतर के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही उच्च रक्तचाप के रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। ठंड के मौसम में शरीर की रक्त शिराओं में सिकुड़न हो जाती है। इससे उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। ठंड से खास तौर पर बुजुर्गों को बहुत अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।