शनिवार (2 नवंबर 2024) को पूर्ण विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। इस दौरान धाम ‘हर-हर गंगे’ और ‘जय मां गंगे’ के जयकारों से गूंज उठा। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:14 बजे बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा अपने मायके मुखबा में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी। बता दें, कि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार 3 नवंबर को बंद किये जाएंगे।
इस दौरान आर्मी के बैंड एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वरलहरियों तथा ‘गंगा मैया की जय’ के उद्घोष के साथ माँ गंगा जी की डोली यात्रा अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुईं। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु धाम में उपस्थित रहे। गंगोत्री धाम में प्रातः काल से ही मंत्रोच्चारण के साथ कपाट बंद किये जाने के लिए पूजन और अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया। वहीं तीर्थ पुरोहितों ने घाट पर मां गंगा का अभिषेक व आरती के साथ ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की।
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने जानकारी दी, कि कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव मूर्ति ने डोली यात्रा के साथ शीतकालीन पड़ाव मुखबा के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने बताया, कि मां गंगा की उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में प्रवास करेगी। इस दौरान पूरी रात भजन कीर्तन किया जाएगा। मां गंगा की भोग मूर्ति 6 महीने सोमेश्वर देवता के साथ मुखबा में रहेंगी।
#Uttarakhand || उत्तरकाशी स्थित #गंगोत्री_धाम के कपाट आज दोपहर 12:14 बजे अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस साल 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन किए।#GangotriDham pic.twitter.com/M0Vkjbdsko
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) November 2, 2024
उल्लेखनीय है, कि यमुनोत्री धाम स्थित मां यमुना के मंदिर के कपाट रविवार (3 नवंबर 2024) को भैयादूज के अवसर पर शीतकाल के लिए बंद कर दिये जायेंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:05 बजे बंद किये जायेंगे। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव के लिए रवाना होगी। जहां आगामी छह माह तक मां यमुना के दर्शन होंगे।
बता दें, कि इस यात्रा सीजन में बीते शुक्रवार शाम तक गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में 15,21,752 श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। यमुनोत्री धाम में 7.10 लाख और गंगोत्री धाम में 8.11 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। वहीं रविवार को केदारनाथ धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए प्रात: 8:30 मिनट पर बंद कर दिए जायेगे। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया, कि केदारनाथ मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है।