विश्वप्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार (18 नवंबर 2023) को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है। इसके साथ ही आज चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया। तीन बजकर तैतीस मिनट पर श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह तथा मुख्य सिंह द्वार के कपाट रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी द्वारा शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। इसी के साथ ही कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव चले गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद के पश्चात, बदरीनाथ धाम से रविवार 19 नवंबर प्रात: श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी की देव डोली पांडुकेश्वर तथा आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगी। कपाट बंद होने के शुभ अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजय ने कहा, कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा- निर्देशन में इस यात्रा वर्ष बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा ऐतिहासिक रही है।
जानकारी के अनुसार, कपाट बंद होने की प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो गई थी। इस दिन श्री गणेश जी के कपाट बंद हुए, 15 नवंबर को आदि केदारेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए, 16 नवंबर को खडगपुस्तक पूजन तथा 17 नवंबर शुक्रवार को धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट और लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की और उन्हें कढ़ाही भोग लगाया गया। शनिवार ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक रावल द्वारा कपाट बंद की रस्म पूरी करते हुए भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंडल द्वारा हाथ से बुना गया ऊंन का घृत कंबल औढ़ाया।
#WATCH | Uttarakhand: Portals of Badrinath temple closed for the winter break today. pic.twitter.com/02afpH50x3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023
श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था। सिंह द्वार परिसर में गढ़वाल स्काट के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच जय बदरीविशाल के उदघोष गूंज रहे थे। इस अवसर पर साढ़े पांच हजार से अधिक श्रद्धालुजन तीर्थयात्री कपाट बंद होने के साक्षी बने। इस अवसर पर भारतीय सेना व दानदाताओं द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।