पंच केदार में द्वितीय मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बुधवार (20 नवंबर 2024) को प्रातः काल शुभ लग्न पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यंत्रों ढोल-दमाऊ के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल पंचकेदार ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
उल्लेखनीय है, कि बाबा मद्महेश्वर की डोली के अपने मंदिर से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर आगमन पर स्वयं केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग मंगोलचारी डोली की अगवानी करते हैं। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया, कि इस वर्ष 22 मई से शुरू हुई द्वितीय केदार की यात्रा में अभी तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। 25 नवंबर को डोली शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी।
पंच केदारो में द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शुभ मुहूर्त पर वेद ऋचाओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया हैं।
अब शीतकाल में छः माह के लिए उखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान मदमहेश्वर की पूजा होगी और भक्तों को दर्शन देंगे।#madhyamaheshwar #madhyamaheshwardham #Uttarakhand pic.twitter.com/VcKmKhtRFf— Anil Baluni Fan Page (@AnilBAluniFC) November 20, 2024
कपाट बंद होने के साथ ही डोली अपने पहले रात्रि प्रवास गौंडार गांव पहुंचेगी। अगले दिन रांसी फिर गिरीया गांव में रात्रि प्रवास करेगी। 25 को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। इसके बाद ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी। बता दें, कि 23 नवंबर को मद्महेश्वर मेला का आयोजन होता है। इस मेले में भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान मद्महेश्वर जी के दर्शन हेतु पहुंचते हैं।