देवभूमि उत्तराखंड स्थित पंचकेदार में से एक मदमहेश्वर मंदिर के कपाट सोमवार (20 मई 2024) को साढ़े 11 बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। इस शुभ अवसर पर 350 से अधिक श्रद्धालु मंदिर में उपस्थित रहे। बाबा मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली को दस बजे मंदिर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया आरंभ हुई।
पंच केदार में द्वितीय भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा विशेष पूजा-अर्चना के बाद बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों, हकहकूक धारियों की उपस्थिति में विधि-विधान से खोले गए। इसके बाद भगवान मदमहेश्वर के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से अलग कर निर्वाण रूप व उसके बाद श्रृंगार रूप दिया गया।
#उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पंचकेदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार #भगवान_मद्महेश्वर के कपाट आज पूर्वाह्न 11.15 बजे विधि-विधान से खुल गये हैं। इस अवसर पर आचार्य वदपाठीं मंदिर समिति के अधिकारी- कर्मचारी, हकहकूकधारी और साढ़े तीन सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। pic.twitter.com/2sRMQ246ER
— Akashvani News Uttarakhand 🇮🇳 (@airnews_ddn) May 20, 2024
कपाट खुलने के अवसर पर पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। बता दें, कि उत्तराखंड में स्थित पंचकेदार में द्वितीय भगवान मद्महेश्वर की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। देवों के देव महादेव का यह मंदिर उत्तराखंड के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है, जिसकी हिंदू धर्म में बहुत अधिक मान्यता है, क्योंकि यहां पर भगवान शिव के बैल स्वरूप की नाभि की पूजा का विधान है।
मदमहेश्वर मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चौखम्बा पर्वत की तलहटी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए रुद्रप्रयाग से मंदाकिनी नदी के साथ-साथ केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से उखीमठ तथा उनियाणा गांव पहुंचकर रांसी गौंडार से करीब 10 किमी की चढ़ाई पार कर मद्महेश्वर मंदिर पहुंचा जाता है। इस दिव्य स्थान पर पहुंचने के दौरान श्रद्धालु यात्रा करते हुए प्रकृति का आनंद भी ले सकते है।