69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उत्तराखंड की सृष्टि लखेड़ा द्वारा निर्देशित फिल्म एक था गांव को पुरस्कार मिला है। ‘एक था गांव’ फिल्म को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म की श्रेणी में अवॉर्ड मिला है। सृष्टि लखेड़ा मूल रूप से उत्तराखंड के टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के सेमला गांव की रहने वाली हैं। वर्तमान में सृष्टि का परिवार ऋषिकेश में रहता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बधाई संदेश में लिखा, “69वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की सूची में लघु फिल्म “पाताल-ती” को Best Cinematography (बिट्टू रावत जी) एवं Best Non-Feature Film हेतु गढ़वाली फ़िल्म “एक था गाँव” (सृष्टि लखेड़ा जी) को चयनित किए जाने पर दोनों फिल्मों के समस्त परिश्रमी सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं।”
69वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की सूची में लघु फिल्म "पाताल-ती" को Best Cinematography (बिट्टू रावत जी) एवं Best Non-Feature Film हेतु गढ़वाली फ़िल्म "एक था गाँव" (सृष्टि लखेड़ा जी) को चयनित किए जाने पर दोनों फिल्मों के समस्त परिश्रमी सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं अनंत…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 25, 2023
बता दें, उत्तराखंड के टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के सेमला गांव निवासी सृष्टि लखेड़ा (35) की फिल्म ‘एक था गांव’ इससे पहले मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) फिल्म महोत्सव के इंडिया गोल्ड श्रेणी में जगह बना चुकी है। गढ़वाली और हिंदी भाषा में बनी इस फिल्म में घोस्ट विलेज (पलायन से वीरान हो चुके गांव) की कहानी है।
सृष्टि के पिता बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केएन लखेरा ने बताया, सृष्टि करीब 13 साल से फिल्म लाइन के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। वर्तमान में ऋषिकेश में रह रही सृष्टि ने पलायन का दंश झेला है। इसी दर्द को उन्होंने अपनी फिल्म में भी चित्रित किया है। फिल्म में दिखाया गया है, पहले उनके गांव में 40 परिवार रहते थे और अब पांच से सात लोग ही बचे हैं। लोगों को किसी न किसी मजबूरी में गांव छोड़ना पड़ा। इसी उलझन को उन्होंने एक घंटे की फिल्म के रूप में पेश किया है।