
टिहरी झील
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के सहयोग से टिहरी झील विकास परियोजना के तहत 95 करोड़ रुपये के कार्यों को स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना में सीवर लाइन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस कचरा प्रबंधन, प्रवेश द्वार और महादेव मंदिर का निर्माण कार्य शामिल होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में टिहरी झील विकास परियोजना के अंतर्गत पर्यटन विकास से संबंधित कार्यों के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। नई टिहरी में 54.05 करोड़ रुपये की लागत से 5 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ एक सीवर नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज एडीबी द्वारा सहायता प्राप्त टिहरी झील प्रोजेक्ट पर सत्त, समावेशी एवं जलवायु अनुकूल विकास पर्यटन विकास से सम्बन्धित एचपीसी (उच्चाधिकार प्राप्त समिति) की बैठक की। इस दौरान मुख्य सचिव ने बैठक में मदन नेगी रोपवे सब-प्रोजेक्ट के लिए ब्रिडकुल को… pic.twitter.com/1738XGdFpt
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) March 24, 2025
इसके अलावा 37.11 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कूड़ा प्रबंधन और कचरा प्रबंधन केंद्र का निर्माण और 1.46 करोड़ रुपये की लागत से महादेव मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 2.33 करोड़ रुपये की लागत से प्रवेश द्वार के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक में टिहरी के मदन नेगी रोपवे के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त करने की स्वीकृति दी। इसके साथ ही परियोजना के कर्मचारियों के लिए यात्रा और दैनिक भत्ते, तथा महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव ने ग्रामीण जलापूर्ति के लिए जल संस्थान के सेंटेज चार्ज के प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेजने के निर्देश भी दिए।