उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर में तोड़फोड़ की घटना की खबर सामने आ रही है। प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगो द्वारा मंदिर में चोरी की आशंका भी जताई जा रही है। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट ने मीडिया को बताया है, कि शीतकाल की अवधि के दौरान चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद रहते है।
उल्लेखनीय है, कि गोपेश्वर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद रहने के दौरान इस स्थान पर लोगों की आवाजाही नहीं होती है, इसलिए कपाट खोलने की तैयारी को लेकर वन विभाग के गश्ती दल को रुद्रनाथ मंदिर भेजा गया था। बताया जा रहा है, कि जब वन विभाग का गश्ती दल रूद्रनाथ मंदिर प्रांगण में पहुंचा, तो मुख्य द्वार पर सीलबंद ताला लगा हुआ था, लेकिन एक दरवाजे को कुंडे सहित तोड़ दिया गया था।
चमोली में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट टूटे हुए मिले हैं. रुद्रनाथ मंदिर की धर्मशालाओं में भी तोड़फोड़ हुई है. …..
डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी ऐसा होना,बेहद शर्मनाक!#UttaraKhand #उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून pic.twitter.com/OvOegTkYTc
— Deepak Negi (@AdvDeepakNegi) April 9, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर परिसर में स्थित पुजारी आवास, धर्मशाला के दरवाजे भी टूटे हुए मिले, टिन शेड को भी नुकसान पहुंचाया गया है। मामले की गंभीरता के मद्देनजर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ ही रूद्रनाथ के पुजारियों को भी सूचना दी गई। प्रशासन को मिली जानकारी के अनुसार, रूद्रनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे लोहे के शटर को भी क्षतिग्रस्त किया गया है।
इलाके के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) के अनुसार, बिना जांच-पड़ताल के यह कह पाना संभव नहीं है, कि दरवाजे और शटर किसी जानवर ने तोड़े है, अथवा इस घटना को असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है, कि शीतकालीन अवधि के दौरान इस क्षेत्र में कोई नहीं जा सकता है, बावजूद इसके शीतकाल के दौरान मंदिर तक पहुंचने और ताले टूटने से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए है। स्थानीय समाज ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।