उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सिर्फ 49 किलोमीटर दूर स्थित आसन कंजरवेशन रिजर्व (आसन झील) पक्षी अवलोकन के शौकीनों के लिए मनपसंद स्थान है। आसन झील में प्रत्येक वर्ष लगभग 50 हजार पर्यटक झील में बोटिंग करने और पक्षियों की अठखेलियों को निहारने आते हैं। अक्टूबर महीने से यहां साइबेरियन प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। उसके बाद पक्षी अवलोकन के शौकीन पहुंचने लगते हैं। यह सिलसिला मार्च तक रहता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 26.1 फीसदी अधिक पर्यटक आसन कंजर्वेशन रिजॉर्ट पहुंच चुके हैं। आसन कंजर्वेशन रिजॉर्ट के प्रबंधक गिरिवर सिंह ने बताया, कि आसन कंजर्वेशन रिजॉर्ट में पर्यटकों को बेहतर सुविधा मुहैया करवाने के लिए हम प्रयासरत रहते हैं। यह बड़ा सुखद है, कि पर्यटक लगातार बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई, कि पर्यटकों की संख्या में अभी और बढ़ोतरी होगी।
गौरतलब है, कि हथिनी कुंड बैराज में साहसिक जन क्रीड़ा गतिवधियां शुरू हो चुकी हैं। यहां जेट बोट, मोटर बोट और पैडल बोट आदि गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। हथिनी कुंड बैराज के थीम पार्क बनने के बाद आसन कंजर्वेशन रिजार्ट प्रबंधन को पर्यटकों की संख्या कम होने की आशंका सता रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पिछली बार की तुलना में इस बार कंजर्वेशन रिजार्ट में 13,236 पर्यटक अधिक पहुंच चुके है।
बता दें, आसन कंजर्वेशन रिजर्व पार्क देश की 38वीं रामसर साइट है। यह उत्तराखंड की पहली रामसर साइट भी है। यहां शरद ऋतु में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते है। विशेषकर यह स्थान सुर्खाब पक्षी के लिए प्रसिद्ध है। देशभर से पर्यटक यहां सुर्खाब पक्षी को देखने आते है, लेकिन इस बार बड़ी संख्या में यूरेशियन कूट, गैडवाल और रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी भी आसन बैराज पहुंचे है।