देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के क्रौंच पर्वत पर स्थित उत्तर भारत में भगवान कार्तिकेय का एकमात्र मंदिर कार्तिक स्वामी तक श्रद्धालुओं की राह आसान बनाने के लिए इसे रोपवे से जो़ड़ा जाएगा। मंदिर के बेस प्वाइंट कनकचौरी से कार्तिक स्वामी तक 1.4 किमी लंबा रोपवे बनेगा, जिसके लिए प्री-फिजिबिलटी सर्वेक्षण भी हो चुका है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन विभाग द्वारा कनकचौरी से मंदिर क्षेत्र तक प्रारंभिक चरण में प्री-फिजिबिलटी सर्वेक्षण किया जा चुका है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसे सिंतबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। रोपवे के लिए वन विभाग से भूमि अधिग्रण, पेड़ों की गिनती, छपान व अन्य कार्रवाई समयबद्ध पूरी की जाएंगी।
कनकचौरी से कार्तिक स्वामी मंदिर तक बनने वाले रोपवे की लंबाई 1.4 किमी बताई जा रही है। रोपवे बनने से कनकचौरी से 10 मिनट में ही कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचा जा सकेगा। कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह नेगी ने अमर उजाला को बताया, कि मंदिर तक सुविधाएं उपलब्ध होने से तीर्थाटन के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
भगवान कार्तिकेय के मंदिर कार्तिक स्वामी की यात्रा को आसान बनाने के लिए चंद्रापुरी-बाजबड्डू-कार्तिक स्वामी 10 किमी सड़क भी स्वीकृत हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ डिवीजन द्वारा जल्द ही मार्ग का सर्वेक्षण किया जाएगा। लोनिवि के ईई मनोज भट्ट ने बताया, कि मार्ग के लिए प्रथम चरण की स्वीकृति मिल चुकी है।
बता दें, जनपद चमोली और रुद्रप्रयाग के 360 से अधिक गांवों के आराध्य के रूप में पूजनीय भगवान कार्तिकेय के दर्शनों के लिए पूरे साल श्रद्धालु कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचते है। मंदिर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कनचौरी से लगभग चार किमी की चढ़ाई तय करनी होती है।