देवभूमि उत्तराखंड में बदले हुए मौसम की चुनौतियों के बीच चारों धामों में यात्रा आरंभ होने से लेकर अब तक 20 दिनों में करीब नौ लाख से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन कर चुके है। वहीं केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा तीन लाख के आसपास पहुंच चूका है। उल्लेखनीय है, कि जून के पहले सप्ताह तक चारों धामों में दर्शन के लिए निर्धारित क्षमता के अनुसार रजिस्ट्रेशन फुल हो चुके है। चारधाम यात्रा में मौसम भी तीर्थयात्रियों की कठिन परीक्षा ले रहा है। इसके बावजूद भी यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के बीच भारी उत्साह है।
भारी बारिश और बर्फ़बारी की वजह से रोकी गयी केदारनाथ यात्रा श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में रोका गया फाटा और गौरीकुंड से हेलीकाप्टर सेवाएं अस्थायी रूप से बंद #Kedarnath #CHARDHAM pic.twitter.com/IIKB87GZRi
— Rahul negi (@rahulnegi61) May 24, 2022
राज्य में हो रही बारिश का असर चारधाम यात्रा पर भी नजर आ रहा है। बारिश के बाद केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग में रोक दिया गया है। फाटा और गौरीकुंड से हेली सेवा भी बाधित रही। सोमवार को सुबह मौसम खराब होने के चलते केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं लगभग 6 घंटे तक बंद रही। हालांकि 1 बजे बाद मौसम खुलने के बाद दोबारा हवाई सेवाएं संचालित हुई। इस बीच एक कंपनी का हेलीकॉप्टर घंटों तक केदारनाथ में ही फंसा रहा जो 1 बजे मौसम खुलने के बाद वापस लौटा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार धाम और हेमकुंड साहिब में दर्शन के लिए अब तक लगभग 20 लाख श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कर चुके है। राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के मद्देनजर ध्यान में रखते हुए चार धाम व हेमकुंड साहिब में रोजाना दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या तय की गई है। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने सलाह दी है, कि किसी भी असुविधा से बचने के लिए पंजीकरण की उपलब्धता की जांच के बाद ही चार धाम व हेमकुंड साहिब में दर्शन के लिए होटल, हेली सेवा समेत अन्य बुकिंग करें।
वहीं बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से यात्रियों की परेशानियों बढ़ गई है। वहीं शासन ने केदारनाथ धाम जाने वाले ऐसे श्रद्धालु जो 50 साल से अधिक आयु के हैं, उनका अनिवार्य मेडिकल परिक्षण कराया जायेगा। हेल्थ चेकअप में स्वस्थ पाए जाने के बाद ही यात्रियों को केदारनाथ जाने की मंजूरी दी जाएगी। सीएमओ डॉ. बीके शुक्ला ने मीडिया को बताया, कि स्वास्थ्य विभाग ने 50 साल से ऊपर के हर श्रद्धालु का हेल्थ चेकअप शुरू कर दिया है। बिना स्वास्थ्य परीक्षण के यात्रा पर जाने से पचास वर्ष से अधिक तीर्थयात्रियों को रोक दिया जाएगा।