प्रकृति और जलवायु को संजोकर रखने वाला पर्वतीय राज्य उत्तराखंड ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है। गोलबल वार्मिंग और पर्यावरण में हो रहे बदलाव के कारण जिन क्षेत्रों में पहले बर्फबारी हुआ करती थी, अब वहां पर बारिश होती है और बारिश की वजह से भी ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे है। साल दर साल मौसम में परिवर्तन की वजह से पर्यावरणीय संकट की गंभीरता को भी उजागर किया है।
इसी क्रम सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला स्थित ओम पर्वत संभवतः पहली बार बिना बर्फ के दिखाई दे रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से इस पर्वत के दर्शन किए जा सकते है, लेकिन हाल ही में बर्फ के पिघलने के कारण ओम पर्वत से उसका प्रसिद्ध ‘ॐ’ चिन्ह गायब हो गया है। अब वहां केवल काले पहाड़ ही नजर आ रहे हैं। पर्यावरणविद और स्थानीय निवासी वैश्विक तापमान में वृद्धि और उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों को इस बदलाव का जिम्मेदार मान रहे है।
विश्व प्रसिद्ध ओम पर्वत से ॐ गायब..
पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में बर्फ पिघलने से विश्व प्रसिद्ध ओम पर्वत से ॐ गायब हो गया है. अब यहां महज काला पहाड़ नजर आ रहा है. पर्यावरणविद और स्थानीय लोग वैश्विक तापमान में वृद्धि और उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों को इसके लिए… pic.twitter.com/4bIQeUjDDT
— NDTV India (@ndtvindia) August 26, 2024
पिछले दिनों प्रवास पर मूल गांव गुंजी गईं उर्मिला सनवाल गुंज्याल ने अमर उजाला को बताया, कि वह 16 अगस्त 2024 को ओम पर्वत के दर्शन के लिए गईं थी। इस दौरान जब वह तस्वीरें खींचने के लिए नाभीढांग गईं, तो उन्हें ओम पर्वत पर बर्फ नजर नहीं आई। बता दें, कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील की व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से ओम पर्वत के दर्शन होते है।
एक दशक पूर्व तक ओम पर्वत और इसके आसपास स्थित पर्वत श्रृंखलाएं साल भर बर्फ से लकदक रहती थी। हलांकि वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण अब उच्च हिमालयी क्षेत्र की बर्फ भी तेजी से पिघलने लगी है। हाल के वर्षों में शीतकाल में कम हिमपात के कारण तापमान बढ़ते ही हिमनदों की बर्फ पिघलने लगती है। इस वर्ष ओम पर्वत की बर्फ पिघलने से ओम गायब हो गया है और बर्फ का नामोनिशान नहीं है।
गौरतलब है, कि ओम पर्वत धार्मिक और पर्यटक दृष्टिकोण से एक विशेष महत्त्व रखता है। ओम पर्वत के पहली बार पूरी तरह बर्फविहीन होने का कारण स्थानीय निवासी और पर्यावरणविद वैश्विक तापमान में वृद्धि, क्षेत्र में सड़क निर्माण और अत्यधिक पर्यटकों की आवाजाही को जिम्मेदार मानते है। स्थानीय लोगों का कहना है, कि 2016 में भी बर्फ की मात्रा बहुत कम थी, लेकिन इस बार ओम पर्वत पूरी तरह से बर्फ से रहित है।