ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। ट्रैक बिछाने का काम 70 फीसदी से ज्यादा हो चुका है। इसी क्रम में जीआईएनटीआई श्रीनगर से लगभग 10 किमी का ट्रैक का कार्य लगभग 95 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। धारी देवी से लगभग 20 किमी रेलवे ट्रैक से दूरी तय कर यात्री रुद्रप्रयाग जिले में प्रवेश कर जाएंगे।
बता दें, कि रुद्रप्रयाग जिले में दो स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिसमें तिलणी-सुमेरपुर और घोलतीर शामिल हैं। धारी देवी से नरकोटा में 24 मीटर के पुल से गुजरकर रेल यहां पहुंचेगी। धारी देवी स्टेशन पर तीन पटरियां बनेंगी, जबकि ओपन और सुरंग के अंदर सिंगल पटरियां होंगी। यहां स्टेशन से धारी देवी क्षेत्र, बछणस्यूं, चलणस्यूं पट्टी के 30 हजार से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही इस स्थान से बदरी-केदार जाने के लिए पहुंच भी आसान हो जाएगी।
देवप्रयाग से धारीदेवी तक 35 किमी. से अधिक क्षेत्र में रेल करीब 30 किमी. सुरंग के अंदर से गुजरेगी। वहीं श्रीनगर से धारीदेवी तक नौ किमी. का ट्रैक सुरंग के अंदर है, जबकि जबकि 800 मी. से अधिक यहां पर ओपन ट्रैक है। श्रीनगर जीआईएनटीआई मैदान से डुंगरीपंथ धारी देवी तक बनने वाली सुरंग का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कंक्रीट और पटरी बिछाने का कार्य होगा।
जानकारी के अनुसार, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण 2025 तक पूरा कर लिए जाने के बाद ट्रैक पर वर्ष 2026 में रेलगाड़ी संचालन का काम शुरू हो जाएगा। बता दें, कि कई बार हाईवे बंद होने पर यात्री जहां-तहाँ फंस जाते हैं, लेकिन रेलवे से यात्रियों के सामने यह मुश्किलें नहीं आएगी। इसके साथ ही चोपता और तुंगनाथ जाने वालों को भी सुविधा होगी। रेल परियोजना के तहत रुद्रप्रयाग जिले में (खांकरा, नरकोटा, रैंतोली, सुमेरपुर और घोलतीर) में पांच सुरंग का निर्माण हो रहा है।