यूनेस्को की विश्व धरोहरो में शामिल फूलों की घाटी बुधवार से पर्यटकों के लिए खुल गई है। चमोली जनपद में समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज बुधवार से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। बता दें, फूलों की घाटी प्रत्येक वर्ष एक जून को यात्रियों के लिए खुलती है और 31 अक्टूबर को बंद कर दी जाती है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार, शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। समुद्रतल से 3962 मीटर ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी करीब 87.5 वर्ग किलोमीटर के इलाके तक फैली है। फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के अंतर्गत आती है। वर्तमान में यह अलौकिक स्थान रंगीन और अविश्वसनीय फूलों जैसे गेंदा और ऑर्किड से भरी पड़ी है। इसके साथ ही पर्यटक इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की प्रजातियां वाले पक्षियों, तितलियों और जानवरों को भी काफी अच्छी संख्या में देख सकते है।
The long wait ends. The moment is here. #ValleyofFlowers opens for visitors today. Here is a comprehensive guide to one of the most surreal places in not just Uttarakhand but the whole wide world!
Credit: @pahaadi_soul pic.twitter.com/ebkpIz4uce
— Uttarakhand Tourism (@UTDBofficial) June 1, 2022
उल्लेखनीय है, कि फूलों की घाटी में प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल पुलकित होते है। फूलों की घाटी दुनिया की जैव विविधिता का अनमोल खजाना है। वर्ष 1982 में फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने के बाद यूनेस्को ने 2005 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर का दर्जा दिया था। फूलों की घाटी की खोज का श्रेय वर्ष 1932 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक स्मिथ स्मित को दिया जाता है। वर्ष 1937 में फ्रैंक स्थिम ने वैली आफ फ्लावर नामक पुस्तक लिखकर अपने अनुभवों को विश्व के सामने रखा।
उल्लेखनीय है, कि प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से कई पर्यटक फूलों कि घाटी में पहुंचते है। फूलों की घाटी की यात्रा ऋषिकेश से बदरीनाथ राजमार्ग से होते हुए गोविंदघाट पहुंचकर आरंभ होती है। फूलों की घाटी 17 किलोमीटर दर्शनीय लंबा ट्रैक है, जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित घांघरिया से शुरू होता है। जोशीमठ के नजदीक गोविंदघाट से ट्रैकिंग के जरिये पर्यटक इस दर्शनीय स्थल पहुंच सकते है। फूलों की घाटी में प्रवेश करने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से ऑफलाइन माध्यम के जरिये मंजूरी दी जाती है।