गंगा नदी में डूब रहे छोटे भाई को बचाने के चक्कर में दो बहनें खुद ही नदी में डूब गई। दो सगी बहनों की मौत से घर में कोहराम मच गया। बताया जा रहा है, कि श्रमिक माता-पिता के मजदूरी पर चले जाने के बाद तीनों बच्चे पड़ोस में रहने वाली महिला के साथ गंगा में नहाने चले गए। इस दौरान 9 साल का सूरज अचानक गंगा में बहने लगा, दोनों बहनें भाई को बचाने नदी कूदी, तो वो भी तेज धारा की चपेट में आ गईं।
पुलिस के अनुसार, भीमसेन आश्रम, रोड नंबर निवासी 13 वर्षीय वैष्णवी और 15 वर्षीय साक्षी नौ वर्षीय भाई सूरज के साथ सोमवार सुबह 11 बजे गंगा घाट पर पहुंचे। उनके साथ पड़ोस की एक महिला भी मौजूद थी। गंगा स्नान करते समय सूर्य की किरणें चमकने लगीं और सूरज संतुलन खोकर नदी के तेज बहाव में बहने लगा। इसके बाद साक्षी और वैष्णवी ने अपने भाई को बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दी।
नदी के तेज बहाव से जूझते हुए दोनों बहनों ने अपने भाई को तो किनारे लगा लिया, लेकिन खुद गंगा की तेज धारा में बह गईं। घटना की जानकारी मिलते ही हरिपुर कलां चौकी पुलिस मौके पर पंहुची और साक्षी-वैष्णवी को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सुबह से शाम तक चली तलाश के बाद भी दोनों बहनों का कुछ पता नहीं चल सका। अंधेरा होने पर ऑपरेशन रद्द कर दिया गया।
सोमवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद पूरा गांव सदमे में है। अपने इकलौते भाई को बचाने की कोशिश में गंगा में बही दोनों बहनों की सुरक्षा के लिए हर कोई प्रार्थना कर रहा है। वहीं अपनी दोनों बहनों को अपनी आँखों के सामने बहते हुए देखने वाला 9 वर्षीय सूरज भी सदमे में है और अपनी बहनों के लौटने का इंतजार कर रहा है।
बता दें, कि 24 घंटे में ऋषिकेश में बच्चों के डूबने का यह दूसरा मामला है। ऋषिकेश के बीसबीघा निवासी 15 वर्षीय ईशान और 16 वर्षीय दीपेश रावत के गंगा में डूबने के ठीक 24 घंटे बाद यह दूसरी घटना हुई है। मानसून के बाद गंगा का जलस्तर बेहद बढ़ा हुआ है। इसके चलते बच्चों की निगरानी की सख्त जरूरत है। विशेषकर नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।