बीते गुरुवार को गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में चीड़वासा के नजदीक गदेरे में जलस्तर बढ़ने से अस्थायी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिया टूटने से दिल्ली निवासी तीन कांवड़ यात्री तेज बहाव बह गए। इस दौरान एक कांवड़ यात्री किसी प्रकार बाहर निकल आया, जबकि दो कांवड़ियों का कुछ पता नहीं चल पाया। बीते गुरुवार को हुए हादसे के बाद शुक्रवार को एक बार फिर से कांवड़ यात्रियों की खोजबीन शुरू की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे की सूचना पर एसडीआरएफ की टीम जरुरी रेस्क्यू उपकरणों के साथ तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई। एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम प्रभारी सावर सिंह द्वारा सैटेलाइट फोन द्वारा बताया गया, कि अन्य यात्रियों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव अभियान चला रही है, जल्द ही सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
गौमुख ट्रैक पर चीड़वासा के पास गत बृहस्पतिवार को पुलिया टूटने से दो कांवड़ यात्री बहे। जबकि भोजवास क्षेत्र में 40 कांवड़ यात्री फंसे। फंसे कांवड़ यात्री निकालने को #SDRF ने रेस्क्यू अभियान चलाया। #kanvadYatra #Uttarakhand #uttarkashi@JagranNews @pushkardhami pic.twitter.com/cX0dUK8NGR
— Shailendra Prasad (शैलेंद्र गोदियाल) (@shailly_godiyal) July 5, 2024
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते गुरुवार गोमुख से गंगाजल भरने के बाद मोनू (31) निवासी पहाड़गंज दिल्ली, सूरज (23) और विकास (21) निवासी साउथ दिल्ली गंगोत्री से रवाना हुए थे। दोपहर करीब तीन बजे तीनों गंगोत्री से नौ किमी दूर चीड़वासा के पास पहुंचे। ग्लेशियर पिघलने और बारिश के कारण चीड़वासा गदेरे में उफान आ गया। गदेरे का जलस्तर अचानक बढ़ने से अस्थायी लकड़ी की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई।
इस दौरान गदेरे को पार कर रहे तीनों कांवड़ यात्री तेज बहाव की चपेट में आ गए। विकास कुछ दूरी पर जाकर किसी प्रकार गदेरे से बाहर निकल आया, लेकिन सूरज और मोनू का कहीं कुछ पता नहीं चल सका। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया, कि पार्क अधिकारियों के अनुसार, हिमखंड पिघलने से गदेरे में पानी बढ़ा है। कांवड़ यात्रियों की खोजबीन और पुलिया की मरम्मत का कार्य चल रहा है, जबकि तीसरे कांवड़ यात्री को पार्क की टीम ने गंगोत्री पहुंचा दिया है।