रविवार (16 अक्टूबर 2022) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारंभ किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों को तीन वर्ष से फार्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत बाल वाटिका शुरू की गई है। बच्चों को नवजात से उनकी 21-22 साल की उम्र तक बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा के लिए उत्तराखंड में 40 लाख बच्चों का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में रविवार को कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा, मेडिकल, पैरामेडिकल एवं अन्य को मिलाकर 35 लाख की व्यवस्था उत्तराखंड के पास पहले से उपलब्ध है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, कि देश डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उच्च शिक्षा की दिशा में उत्तराखंड में जो नीति बन रही है, वह इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है।
NEP में बच्चों को औपचारिक शिक्षा आयु 3 से देने की बात कही है। पहले 3 साल की आयु के बच्चों के लिए स्कूल व्यवस्था नहीं थी। इसमें प्रवेश वर्ष की उम्र 3 साल है और कक्षा एक 6 साल की उम्र में शुरू होगी। उत्तराखंड बाल वाटिका को लागू करने वाला पहला राज्य है: केंद्रीय शिक्षा मंत्री pic.twitter.com/1ikhiPK2EH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2022
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राष्ट्र में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत को बधाई दी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने की दिशा में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से सकारात्मक कदम बढ़ाए गए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में तैयार की गई नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के नवीन, आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के नए आयाम खोलने वाली नीति है। इसे देश के ख्यातिलब्ध शिक्षाविदों द्वारा तैयार किया गया है, और ये नए भारत की, नई उम्मीदों नई आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है।
LIVE: देहरादून में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किये जाने के सम्बन्ध में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग https://t.co/aej7zKzWjr
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 16, 2022
सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा, यदि हम एक समृद्ध भविष्य की कामना करते है, तो हमें अपने वर्तमान को सशक्त बनाना होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि भारत ने सम्पूर्ण विश्व को ज्ञान देने का कार्य किया है। हमारे नालंदा और तक्षशिला जैसे अद्वितीय शिक्षा मंदिर पूरी दुनिया में कहीं नहीं थे और यहां से ज्ञान अर्जित करने वालों ने संपूर्ण मानवजाति को एक नई राह दिखाई।
सीएम धामी ने आगे कहा, कि हमारे राष्ट्र में मेधावी प्रतिभाओं की कभी कोई कमी नहीं रही और एक से एक विद्वानों और शिक्षाविदों ने भारत की बौद्धिक संपदा को विस्तार दिया, लेकिन कालांतर में आए विदेशी आक्रांताओं और शासकों ने हमारी शिक्षा व्यवस्था पर ही सबसे अधिक प्रहार किया और इसको तहस-नहस कर दिया। सीएम धामी ने कहा, कि 2025 में राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाई जाएगी। तब तक हम बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर क्या कर सकते हैं, जो देश के लिए आदर्श बने इस दिशा में सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे।
उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारंभ अवसर पर शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, विनोद कण्डारी, महापौर सुनील उनियाल गामा, सचिव शैलेश बगोली समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।