उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के बड़े अस्पतालों में पार्किंग का धंधा कमाई का अच्छा खासा जरिया बन गया गया है। मरीजों और तीमारदारों से गाड़ियों की पार्किंग के नाम पर खासा शुल्क वसूला जाता है। इसके साथ ही पार्किंग स्थलों पर बोर्ड भी लगा होता है, वाहन में रखे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी वाहन स्वामी की होगी। गौरतलब है, कि निजी अस्पतालों की बात तो छोड़िये सरकारी अस्पतालों में भी पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारी पूरी दबंगई से मरीजों और तीमारदारों से पार्किंग शुल्क वसूल रहे है।
उल्लेखनीय है, कि अस्पताल आने वाले मरीजों व तीमारदारों के लिए एक-एक पल बेहद महत्वपूर्ण होता है, यह सब जानते हुए भी अस्पताल पार्किंग कारोबार के नाम पर अच्छा खासा शुल्क वसूलते है। इस स्थिति पर संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने अस्पतालों में पार्किंग के नाम पर वसूले जा रहे शुल्क को अनुचित ठहराते हुए पार्किंग व्यवस्था को निश्शुल्क करने के आदेश पारित किया है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश मैक्स अस्पताल और सीएमआई के परिपेक्ष्य में किया गया है। इसके साथ ही सभी अस्पतालों को इसका अनुपालन कराने को कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून के मैक्स अस्पताल व सीएमआई में वसूल किये जा रहे पार्किंग शुल्क को लेकर आरटीआई क्लब के अध्यक्ष अमर सिंह धुंता ने उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई थी।
मामले की जांच काउंसिल की नैतिकता, अनुशासनात्मक एवं रजिस्ट्रेशन कमेटी को सौंपी गई थी। सुनवाई के दौरान सीएमआई प्रबंधन के प्रतिनिधि ने जानकारी दी, कि अस्पताल ने अब पार्किंग शुल्क को बंद कर दिया है, जबकि मैक्स अस्पताल ने अपनी ओर से कोई पक्ष प्रस्तुत नहीं किया। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की कमेटी ने अपनी जांच में पाया, कि अस्पतालों में पार्किंग शुल्क वसूल किया जाना भारतीय विनियमावली 2002 का उल्लंघन होने के साथ ही अनुच्छेद 21 में किये गए प्राविधानों के विपरीत है।
मेडिकल काउंसिल की कमेटी ने कहा, कि अस्पतालों में पार्किंग शुल्क वसूलना किसी भी दशा में सही नहीं है। कमेटी ने सभी मुख्य चिकत्साधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए है, कि वह अपने जिले के सभी अस्पतालों और मेडिकल कालेज में निश्शुल्क पार्किंग की व्यवस्था की जाये तथा अस्पताल परिसर में निश्शुल्क पार्किंग के बोर्ड लगाए जाये।
उल्लेखनीय है, कि राजधानी देहरादून स्थित दून मेडिकल कालेज समेत अन्य तमाम प्राइवेट अस्पताल मरीजों ओर तीमारदारों से पार्किंग शुल्क वसूल रहे है। हालात इतने बदत्तर है, कि अस्पताल प्रबंधन लाखो रुपये में पार्किंग का ठेका जारी करते है, और पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारी अस्पताल आने वाले मरीजों और तीमारदारों से पूरी दबंगई से पार्किंग शुल्क वसूलते है। कई मर्तबा तो मरीज के साथ रहने वाले तीमारदारों से एक ही दिन में कई बार पार्किंग शुल्क वसूला जाता है।