अपात्र राशन कार्ड धारको के पास राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए अब सिर्फ दो दिन का समय अवधि शेष रह गई है। बता दें, सोमवार को सोमवती अमावस्या के अवकाश के दिन भी राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग के कार्यालय खुले रहेंगे। देहरादून जिले में अब तक लगभग पांच हजार राशन कार्ड अपात्रों नागरिको द्वारा सरेंडर किए जा चुके है।
बताया जा रहा है, दो दिन के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग सत्यापन अभियान चलाकर अपात्र राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे और मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा। राज्य सरकार के निर्देशनुसार अपात्र राशन कार्ड से राशन कार्ड सरेंडर कराने का अभियान चल रहा है। सत्यापन अभियान के दौरान अपात्रों को कार्ड सरेंडर करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। 31 मई तक अपात्रों को राशन कार्ड क्षेत्रीय खाद्य आपूर्ति अधिकारी या फिर जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए गए है।
खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है, कि अपात्र पाए जाने वाले राशन कार्ड धारक परिवारों से अभी तक लिए गए सरकारी राशन की रिकवरी भी की जाएगी। इसके अलावा आरोपितों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। बता दें, कि देहरादून जनपद में अभी तक चार लाख 33 हजार राशन कार्डों में से लगभग पांच हजार राशन कार्ड अपात्र परिवारों की ओर से जमा कराए जा चुके है।
सोमवार और मंगलवार को राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए आखिरी दो दिन बचे हुए हैं। सोमवार को सोमवती अमावस्या का अवकाश होने के बावजूद भी भगवानपुुर, रुड़की, लक्सर समेत हरिद्वार तहसील में स्थित खाद्य आपूर्ति विभाग का जिला मुख्यालय खुला रहेगा, जिससे अपात्र लोग अपने राशन कार्ड जमा कर सकें। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, हरिद्वार केके अग्रवाल ने मीडिया को बताया, 31 मई के बाद राशन कार्डों के लिए सत्यापन अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें अपात्रों के राशन कार्ड जांच कर निरस्त कर दिए जाएंगे। जिनके कार्ड मानकों के अनुरूप बने हुए नहीं पाए मिलेंगे, उनसे रिकवरी और केस भी दर्ज किया जायेगा। इसलिए दो दिन में सभी अपात्र अपने राशन कार्ड विभाग में जमा करा दें।
-,
खाद्य विभाग की अपात्र को न, पात्र को हां अभियान के अंतर्गत पूरे राज्य में राशन कार्ड सरेंडर करने वालों की लाइन अलग-अलग जनपदों के जिला पूर्ति कार्यालय में लग रही है। हालांकि उपभोक्ताओं की ओर से राशन कार्ड की पात्रता और अपात्रता को लेकर अब भी दुविधा बनी हुई है। दरअसल विभाग द्वारा कोई स्पष्ट दिशानिर्देश ज्ञात नहीं होने से राशन कार्ड धारक असमंजस कि स्थिति में है। वर्तमान में राज्य में तीन प्रकार के राशन कार्ड बनाए जा रहे है। इनमें अंत्योदय (गुलाबी राशन कार्ड), राष्ट्रीय खाद्य योजना का (सफेद कार्ड) और इससे ऊपरी वर्ग के लोगों के लिए (पीला कार्ड) है।
गुलाबी कार्ड धारक
गुलाबी राशन कार्ड धारको की सालाना आमदनी 15 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। इसके अलावा आय का कोई स्रोत ना हो अथवा वह बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग जिसका दुनिया में कोई आश्रय ना हो।
सफेद कार्ड
सफेद राशन कार्ड का उपयोग की श्रेणी में वे परिवार आते है, जिनकी वार्षिक आय 15 हजार से ऊपर नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा सरकारी नौकरी, रिटायर्ड पेंशनर्स, आयकर दाता और दो हेक्टेयर भूमि वाले इस श्रेणी में नहीं आएंगे। इस श्रेणी में अन्य मानक भी निर्धारित किए गए है।
पीला कार्ड
वहीं पीला कार्ड धारक का इस्तेमाल करने वाले परिवार की आयु डेढ़ लाख से अधिक आय वाले और पांच लाख से कम आय वाले उपभोक्ता हकदार होते है। पांच लाख से अधिक आय वाले परिवारों को पीले कार्ड जमा कराने होंगे।
खाद्य पूर्ति विभाग का कहना है, कि गांव से लेकर शहर तक इस बारे में खूब प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,
देहरादून में अब तक तीन हजार राशन कार्ड धारको ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए है। वहीं हरिद्वार (3300) चमोली (936) उत्तरकाशी (297) नैनीताल (2085) चंपावत (446) टिहरी (800) पिथौरागढ़ (1230) पौड़ी (2577) अल्मोड़ा (251) ऊधमसिंह नगर जिले (3426) रुद्रप्रयाग (233) जिलों में राशन कार्ड अब तक स्वेच्छा से जमा हुए है।