उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल गया है। राज्य के अधिकत्तर क्षेत्रों में तापमान में चार से छह डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है। मंगलवार को देहरादून में सुबह आसमान में हल्की धूप रही और सर्द हवा चलने से ठिठुरन बढ़ गई। वहीं बीते दिनों चटख धूप खिलने से तापमान में बढ़ोतरी हुई और दिन में ठंड से कुछ राहत मिली थी, लेकिन रविवार को पारा एक बार फिर लुढ़क गया।
देहरादून समेत अन्य मैदानी जनपदों में सुबह कोहरे और धुंध से जनजीवन प्रभावित रहा। गौरतलब है, कि सामान्य तौर पर दिसंबर और जनवरी में वर्षा और बर्फबारी होने से मैदान से लेकर पहाड़ तक कड़ाके की ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार बीते दो महीनों में ना तो खास बारिश हुई और ना ही बर्फबारी। इसके बावजूद प्रदेश भर में शीतलहर चलने और घना कोहरा छाने से शीत दिवस जैसे हालात पैदा हो रहे है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है, कि शुष्क मौसम की प्रमुख वजह जलवायु परिवर्तन के साथ पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर पड़ना है। इसके चलते जनवरी में सूखी ठंड का प्रकोप जारी है। वैज्ञानिकों का कहना है, पश्चिमी विक्षोभ से ही तापमान कम होने के साथ नमी आती है। फरवरी में भी पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होने से तापमान में ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, जनवरी के महीने में औसतन चार से पांच पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होते है। इनमें से तीन मजबूत विक्षोभ आने से बारिश और बर्फबारी होती है, लेकिन बीते वर्ष से यह कमजोर हुआ है। इसकी वजह से इन दोनों महीनों में सूखी ठंड पड़ने से कुछ दिनों शीत दिवस जैसी स्थिति बनी। इसके चलते मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाया और शीत लहरों ने परेशान किया।
मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, जनवरी महीने के अंत में मौसम का मिजाज बदल सकता है। वहीं 31 जनवरी से दो फरवरी तक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अलावा फरवरी में एक-दो बार मौसम बदलने के आसार हैं। फरवरी का पहला सप्ताह मौसम के लिहाज से बेहद अहम हो सकता है।