उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है। सामान्यतौर पर शीतकाल के नवंबर महीने को साल का सबसे सूखा महीना माना जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर में भी बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल दिसंबर में भी अगले एक हफ्ते तक वर्षा-हिमपात की उम्मीद नहीं है। आगामी चार दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा। बता दें, कि मॉनसून के बाद से बारिश नहीं हुई है, लेकिन सूखी ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है, कि मानसून की विदाई के बाद उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहा और पहाड़ से लेकर मैदान तक चटख धूप खिल रही है। हालांकि, बीच में कुछ दिन पर्वतीय क्षेत्रों में बादलों ने डेरा डाला और कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा भी दर्ज की गई। वहीं दिसंबर महीने की शुरुआत विगत 10 सालों में सबसे सर्वाधिक ठंडे दिन के रूप में हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, कि पश्चिमी विक्षोभ हवाओं का असर कम होने के कारण बारिश नहीं हो रही है और मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह शाम पाला पड़ने से सूखी ठंड परेशान कर रही है। देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना रहा। ऐसे में ठंड भी सामान्य से कम रही। अब दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में मौसम का मिजाज बदलने की उम्मीद की जा रही है।
सूखी ठंड के शुरू होने के साथ ही लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो रही है। नाक और गला बंद होने की शिकायत लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार बढ़ती ठंड की वजह से यह दिक्कत आ रही है। चिकित्सकों ने बच्चों और मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। साथ ही गर्म पानी और पौष्टिक आहार का सेवन करने को कहा है।