चमोली-केदारनाथ हाईवे पर गोपेश्वर के जीरो बैंड के निकट चेकिंग अभियान के दौरान यूपी पुलिस का एक डीएसपी बिना नंबर प्लेट और लाल-नीली बत्ती लगाकर निजी वाहन से यात्रा करते मिले। जब पुलिस ने उन्हें रोककर इसकी वजह पूछी, तो वह थानाध्यक्ष पर ही रौब झाड़ने लगे और उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने के लिए धौंस जमाने लगे।
इस पर थानाध्यक्ष गोपेश्वर ने उनकी एक न सुनी और यातायात नियमों की अनदेखी करने पर डीएसपी का मोटर वाहन अधिनियम में एक हजार रुपये का चालान कर दिया। इसके साथ ही गाड़ी पर लगी बत्ती व शीशों पर चढ़ी काली फिल्म उतारकर भविष्य में ऐसा न करने की सख्त चेतावनी दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (25 जून 2024) को गोपेश्वर थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर जीरो बैंड तिराहे के पास केदारनाथ से बदरीनाथ की तरफ जा रहे यात्री वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान उन्हें लाल-नीली बत्ती लगी बिना नंबर प्लेट की एक मारुति आर्टिगा कार तेज रफ्तार से जीरो बैंड से चोपता की ओर जाती दिखी।
मौके पर जब एसओ ने कार को रुकवाया और वाहन चालक से बिना नंबर प्लेट की गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती लगाने की वजह पूछी। इतने में कार से उतरकर एक शख्स ने एसओ को अपना परिचय यूपी के डिप्टी एसपी (डीएसपी) के रूप में दिया और एसओ से अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही खुद को डीएसपी बताने वाला शख्स एसओ को मौके पर उच्च अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगा।
इस दौरान जब पुलिस ने हंगामा मचा रहे व्यक्ति से उसका आइकार्ड मांगा तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। डीएसपी का तमाशा देख मौके पर आसपास मौजूद लोगों की भीड़ एकत्रित होने लगी। इसके बाद थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने गाड़ी पर काली फिल्म लगी होने पर गाड़ी का चालान करने के साथ ही गाड़ी से लाल-नीली बत्ती भी उतार कर भविष्य में ऐसा न करने की सख्त चेतावनी दी।