गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल पर आधारित उत्तराखंड की झांकी को देश में तीसरा स्थान मिला है। बता दें, कि झांकी के अगले भाग में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को बनाते हुए एक पारंपरिक वेशभूषा में महिला को दिखाया गया था। उत्तराखंड की झांकी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की झांकी को तीसरा स्थान मिलने पर प्रदेशवासियों और इसमें प्रतिभाग करने वाले सभी कलाकारों को बधाई दी। सीएम धामी ने अपने संदेश में कहा,”बधाई हो उत्तराखण्ड !” ’76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर निकाली गई झांकियों में उत्तराखण्ड की समृद्ध संस्कृति और साहसिक खेलों पर आधारित झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त होने पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई। इस झांकी को निर्मित करने वाली टीम के सभी सदस्यों और झांकी में शामिल समस्त कलाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं।’
“बधाई हो उत्तराखण्ड !”
76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर निकाली गई झांकियों में उत्तराखण्ड की समृद्ध संस्कृति और साहसिक खेलों पर आधारित झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त होने पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई।
इस झांकी को निर्मित करने वाली टीम के सभी सदस्यों और झांकी… pic.twitter.com/kNELvKjhUa
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 29, 2025
उल्लेखनीय है, कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गई उत्तराखंड की झांकी ने इस बार सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इस बार प्रदेश की झांकी ‘सांस्कृतिक विरासत व साहसिक खेलों’ पर आधारित नजर आई। इस सूची में पहला स्थान गुजरात-(स्वर्णिम भारत विरासत और विकास) को मिला है। दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश (महाकुंभ 2025- स्वर्णिम भारत विरासत और विकास)। जबकि तीसरे स्थान पर उत्तराखंड (कल्चरल हेरिटेज एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स) की झांकी को चुना गया है।
बता दें, कि इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में 15 राज्यों की झांकियां शामिल हुई थी। इस बार उत्तराखंड की झांकी में कलाकार जागर गायन और लोक नृत्य छपेली करते नजर आए। झांकी में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को बनाते हुए एक पारंपरिक वेशभूषा में महिला को भी प्रदर्शित किया गया था।
गौरतलब है, कि उत्तराखड की यह ऐपण आर्ट वर्तमान में दुनिया भर में लोकप्रिय है। ऐपण कला उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को चित्रित करती है। इस कला को उत्तराखंडी महिलाएं पूजा कक्षों, घरों के प्रवेशद्वारों, फर्श और दीवारों पर बनाती हैं। इसे बनाने के लिए चावल का आटा व गेरू का इस्तेमाल किया जाता है।
झांकी में उत्तराखंड के साहसिक खेलों एवं साहसिक पर्यटन को भी बखूबी चित्रित किया गया था। जैसे नैनीताल और मसूरी पर्यटक स्थलों में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योगा, बंजी जंपिंग, जिप-लाइनिंग एवं रॉक क्लाइंबिंग की रोमांचकारी गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा, कि कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी में राज्य से 16 कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और साहसिक खेलों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी के रूप में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया। गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी का नेतृत्व संयुक्त निदेशक सूचना के. एस. चौहान द्वारा किया गया।