गुजरात के वडोदरा शहर की निवासी क्षमा बिंदु ने खुद से शादी कर ली है। 24 वर्षीय क्षमा ने शादी की तिथि 11 जून को निर्धारित की थी, लेकिन बिंदू ने अपनी शादी दो दिन पहले यानी 8 जून को ही कर ली। उन्होंने इंस्टाग्राम पर शादी की फोटो साँझा करते हुए कैप्शन में लिखा है, “खुद से मोहब्बत में पड़ गई, कल मैं अपनी ही दुल्हन बन गई।”
उल्लेखनीय है, कि क्षमा के विवाह में वे सभी रस्में पूरी की गईं, जो किसी अन्य शादी में हुआ करती है। क्षमा बिंदू के ‘आत्मविवाह’ को गुजरात में एकल विवाह यानी (Sologamy marriage) का पहला उदाहरण माना जा रहा है। 24 वर्षीय युवती क्षमा ने 8 जून को बिना दूल्हे के सात फेरे लिए। क्षमा ने स्वयं ही अपनी माँग में सिंदूर भरा। खुद से ही मंगलसूत्र धारण किया। इसके अलावा वह शादी के बाद हनीमून पर गोवा भी जाएँगी।
तमाम विवादों के बीच वडोदरा की शमा बिंदु ने बुधवार को अपने घर में 3 महिला और 2 पुरुष मित्रों की उपस्थिति में खुद से ही शादी यानी स्व-विवाह कर लिया, पहले वो 11 जून को मंदिर में धूमधाम से ये विधि करना चाहती थी पर विरोध के चलते उसने छुप कर ही ये विधि सम्पन्न की @indiatvnews 1/2 pic.twitter.com/sP8ENUA5xQ
— Nirnay Kapoor (@nirnaykapoor) June 9, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, क्षमा का विवाह समारोह 40 मिनट की अवधि तक चला। विवाह समारोह में सिर्फ दूल्हा ही नहीं बल्कि पुजारी भी मौजूद नहीं थे। क्षमा की शादी के सभी कथित संस्कार डिजिटल माध्यम से उनके घर पर ही आयोजित किए गए थे। शादी में क्षमा की तीन महिला मित्र और दो पुरुष शामिल हुए थे। शादी के बाद उन्होंने उन सभी का शुक्रिया अदा किया, जो सोशल मीडिया के जरिये उनकी शादी में शामिल हुए।
खुद से शादी करने वाली क्षमा ने कहा, कि वह भी अन्य युवतियों की तरह दुल्हन बनने का सपना देखती थी, लेकिन वह किसी पुरुष से विवाह नहीं करना चाहती थी। इसलिए उन्होंने बिना दूल्हे के शादी रचाने के विषय के बारे में विचार किया। क्षमा इसे आत्मनिर्भरता और स्वयं से प्रेम की ओर एक कदम मानती है। क्षमा के एकल विवाह के लिए परिजन भी राजी हो गए थे। क्षमा ने फिल्मी डायलॉग मारते हुए कहा, कि “हम शादी उसी से करते है, जिससे हम प्यार करते है, और मैं खुद से प्यार करती हूँ, इसलिए खुद से ही शादी करूँगी।”
सोलोगैमी या ऑटोगैमी उस शख्स को कहा जाता है, जो स्वयं से शादी करता है। इस तरह की शादियों का कोई विवरण नहीं रखा जाता है। वहीं इस तरह की शादी को कानूनी रूप से भी मान्यता भी नहीं मिलती है। एमएस यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र से स्नातक करने वाली क्षमा एक प्राइवेट फर्म आउटसोर्सिंग मैनपावर के लिए काम करती है। क्षमा ने कहा, कि शायद मैं अपने देश में आत्म-प्रेम का एक उदाहरण स्थापित करने वाली पहली लड़की बन गई हूँ।