विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल समेत अन्य कई हिंदू संगठनो के नेताओं ने सरकार से माँग करते हुए कहा है, कि वह कुतुब मीनार प्रांगण में 27 पौराणिक मंदिरों का पुनर्निर्माण करे। विहिप नेता ने यह माँग शनिवार (9 अप्रैल 2022) को कुतुब मीनार परिसर का दौरा करने के बाद सरकार से की। इसके साथ ही उन्होंने कुतुब मीनार में हिंदू अनुष्ठानों को फिर से आरंभ करने की अनुमति सरकार से मांगी है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, कि हमने स्मारक के प्रमुख हिस्सों का दौरा किया, जहाँ हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थिति देखने लायक भी नहीं थी। विनोद बंसल ने कहा, कि कुतुब मीनार का निर्माण 27 हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से किया गया था।
Delhi | Qutab Minar was actually ‘Vishnu Stambh’. Qutub Minar was built with materials obtained after demolishing 27 Hindu-Jain temples. The superimposed structure was built just to tease the Hindu community: VHP Spokesman Vinod Bansal pic.twitter.com/Zx5UKLPe7s
— ANI (@ANI) April 10, 2022
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने हिंदुओं के दुःख को व्यक्त करते हुए रविवार (10 अप्रैल 2022) को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, कुतुब मीनार वास्तव में ‘विष्णु स्तम्भ’ था, और कुतुब मीनार का निर्माण 27 मंदिरों को तोड़कर हिंदू समुदाय को प्रताड़ित करने के लिए सुपरइम्पोज्ड स्ट्रक्चर (Superimposed Structure) तरीके से बनाया गया था।
हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता से पहले पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय भी कुतुब मीनार प्रांगण में एक जगह भगवान गणेश की उल्टी प्रतिमा और एक जगह उनकी प्रतिमा को पिंजरे में बंद कर हिंदू भावनाओं को अपमानित करने का गंभीर आरोप लगा चुके हैं। पूर्व सांसद तरुण विजय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक को पत्र लिखकर इन प्राचीन मूर्तियों को राष्ट्रीय संग्रहालय में रखवाने की अपील भी की है।
Yes , and with a description about what had happened to 27 temples and why Ganesha moorti was put upside down to humiliate Hindus. There are Tirthankars, Yamuna, Dashavatar, Krishna’s birth and Navagraha Moortis never shown to visitors. https://t.co/5I0Dx9WUuI
— Tarun Vijay தருண் விஜய் भारत के वीर सैनिकों की जय (@Tarunvijay) April 7, 2022
पूर्व सांसद तरुण विजय ने पत्र लिखकर कहा था, कि इन मूर्तियों को जैन तीर्थंकरों और यमुना, दशावतार, नवग्रहों के अलावा राजा अनंगपाल तोमर द्वारा निर्मित 27 जैन और हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद लाया गया था। जिस स्थान पर इन प्रतिमाओं को रखा गया है, वह भारत की अवमानना का प्रतीक है और इसमें सुधार किये जाने की जरूरत है।