आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया है। सोमवार (26 दिसंबर 2022) को सीबीआई अदालत ने ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोचर दंपति को सीबीआई ने बीते शुक्रवार की रात पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। वहीं वीडियोकॉन के मालिक 71 वर्षीय धूत को सीबीआई ने सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपितों को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एएस सैय्यद के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा, कि सीबीआई ने वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत, ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के लिए बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में 3 दिन की हिरासत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। बता दें, कोचर दंपती पहले से ही सीबीआई की रिमांड पर है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को सोमवार 26 दिसंबर को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी ICICI बैंक की पूर्व सीईओ व एमडी चंदा कोचर और उनके पति की गिरफ्तारी के तीन दिनों के बाद की गई है।
Mumbai | Videocon chairman Venugopal Dhoot, Former MD & CEO of ICICI bank Chanda Kochhar & Deepak Kochhar brought to CBI court in connection with the ICICI bank -Videocon loan fraud case pic.twitter.com/9xCycEmVEz
— ANI (@ANI) December 26, 2022
बता दें, सीबीआई ने वर्ष 2019 में दर्ज प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अंतर्गत बैंक लोन धोखाधड़ी में ICICI बैंक की पूर्व सीईओ व एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को अरोपी बनाया है। इसके साथ ही दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्युएबल (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है।
उल्लेखनीय है, कि ICICI बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत पर आरोप है, कि आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, आरबीआई के दिशा-निर्देशों और बैंक की क्रेडिट पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए वेणुगोपाल धूत की वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये की ऋण देकर अवैध लाभ पहुंचाया है।