बंगाल विधानसभा में मारपीट का मामला सामने आया है। बीजेपी नेताओं ने दावा किया है, कि बीरभूम में लोगों को जिंदा जलाने की घटना पर सदन में चर्चा की माँग किये जाने पर उनके साथ सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने मारपीट की। घटना के दौरान बीजेपी विधायक मनोज तिग्गा के कपड़े तक फाड़ डाले गए। इस बीच विधानसभा स्पीकर ने पाँच भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी, मनोज तिग्गा, नरहरि महतो, शंकर घोष, दीपक बर्मन को सदन से सस्पेंड कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीरभूम हिंसा पर चर्चा की माँग को लेकर टीएमसी विधायक गुस्से में आगबबूला हो गए और उन्होंने बीजेपी विधायकों के साथ हाथापाई और मारपीट शुरू कर दी। टीएमसी विधायकों ने बीजेपी विधायक मनोज तिग्गा के साथ मारपीट करते हुए उनके कपड़े फाड़ दिए। वहीं इस घटना को लेकर टीएमसी विधायक असित मजूमदार का कहना है, कि इस दौरान उन्हें भी चोटें आईं है।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस घटना का एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में विधायकों के एक समूह को एक-दूसरे को धक्का देते और चिल्लाते हुए देखा जा सकता है। अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पश्चिम बंगाल विधानसभा में हुड़दंग। बंगाल के राज्यपाल के बाद, टीएमसी विधायकों ने अब मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा सहित भाजपा विधायकों पर हमला किया, क्योंकि वे सदन के पटल पर रामपुरहाट हत्याकांड पर चर्चा की मांग कर रहे थे। क्या छुपाना चाहती हैं, ममता बनर्जी?’
Absolute pandemonium in the West Bengal Assembly. After Bengal Governor, TMC MLAs now assault BJP MLAs, including Chief Whip Manoj Tigga, as they were demanding a discussion on the Rampurhat massacre on the floor of the house.
What is Mamata Banerjee trying to hide? pic.twitter.com/umyJhp0jnE
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 28, 2022
सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने टीएमसी सरकार पर राज्य में हिंसा और कानून व्यवस्था के विषय पर सवाल खड़े किए। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने जैसे ही बीरभूम में लोगों को जिंदा जलाने की घटना पर बोलना शुरू किया, टीएमसी विधायकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर बहसबाजी और नारेबाजी हुई। इसके बाद विधायक सीटों से उठकर वेल पर आ गए और हंगामा करने लगे। देखते ही देखते यह हंगामा मारपीट में बदल गया।