प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले अमेरिकी प्रशासन का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है, इसमें स्पष्ट कहा गया है, कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और जिस किसी को भी इस बात पर तनिक संदेह हो, वो नई दिल्ली जाकर स्वयं इसे देख सकता है। उल्लेखनीय है, कि अमेरिकी सरकार का ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अमेरिका के दौरे पर है और वहाँ कार्यक्रमों में पीएम मोदी के खिलाफ हवा बनाने में लगे हुए है।
अमेरिकी राष्ट्र्पति जो बायडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने जा रही द्विपक्षीय बैठक से पहले व्हाइट हाउस की ‘नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल’ में बतौर स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन्स सेक्रेटरी के पद पर कार्य कर रहे जॉन किर्बी ने अपने एक बयान में कहा है, “मुझे आशा है, कि लोकतांत्रिक संस्थानों की मजबूती और सेहत चर्चा का विषय बना रहे। हम कभी इसमें झिझकते नहीं हैं और दोस्तों के बीच ये चलता रहता है।
#BreakingNews | "India is a vibrant democracy, go to Delhi and see for yourself, say White House officials ahead of PM Modi's US visit @abhishekjha157 shares more details with @SakshiLitoriya_#UnitedStates #India #Democracy #WhiteHouse #PMModi #Delhi #JoeBiden pic.twitter.com/CZHWcznuDu
— News18 (@CNNnews18) June 6, 2023
उन्होंने कहा, कि दुनिया में किसी के साथ भी हम अपनी चिंताओं को शेयर कर सकते हैं। पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा गहरे और मजबूत दोस्ती एवं साझेदारी को और आगे लेकर जाएगा।” जॉन किर्बी ने कहा, कि राष्ट्रपति जो बायडन भी पीएम मोदी के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को यूएस हाउस में सीनेट और रेप्रेसेंटेटिव्स की जॉइंट मीटिंग को भी संबोधित करेंगे। अमेरिका में किसी विदेशी मेहमान के लिए यह सबसे बड़ा सम्मान होता है।
वहीं पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट विभाग के प्रिंसिपल डिप्टी सेक्रेटरी वेदांत पटेल ने कहा, कि भारत के साथ साझेदारी अमेरिका के सबसे बड़े रिश्तों में से एक है। उन्होंने कहा, कि अर्थव्यवस्था, कारोबार और सुरक्षा के क्षेत्र में अमेरिका-भारत के संबंध और मजबूत होंगे। अमेरिकी सांसदों ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके संबोधन में भारत के भविष्य को लेकर उनके विजन और दोनों देशों की चुनौतियों के बारे में पता चलेगा।
उल्लेखनीय है, कि यदि 2014 से 2023 के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का आंकलन किया जाये, तो वर्तमान विदेश नीति में एक स्पष्ट कायाकल्प दिखाई दे रहा है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय विदेश नीति को जिस सक्षम, शक्तिशाली, दृढ़निश्चयी और नेतृत्वकर्ता की लंबे अरसे से तलाश थी, वह इन उम्मीदो पर पिछले नौ वर्षो में खरे उतरे है। मोदी सरकार ने पुरानी गढ़ी गई सीमाओं को लाँघकर आत्मविश्वास भरे रवैये का परिचय दिया है।