जम्मू कश्मीर के पुलवामा सेक्टर में आतंकवादियों से एक मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त दिवंगत मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की शहादत को तकरीबन दो साल हो चुके है। वीरो को जन्म देने वाली इस भारत भूमि को नमनकर, उनकी पहली बरसी पर उनकी पत्नी ने भारतीय सेना में जाने का प्रण लिया था। दिवंगत मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी द्वारा अपने पति की तरह भारतीय सेना में देश सेवा का सपना अब साकार होने जा रहा है। जब वह 29 मई को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होने जा रहीं हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल 8 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। अपने पति द्वारा मातृभूमि के लिए प्राणो की आहुति दिए जाने के बाद, उनकी पत्नी निकिता ने पति के नक्शे कदम पर सेना में जाने का निर्णय लिया। अपनी लगन और मेहनत के बल पर उन्होंने पिछले वर्ष इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब शहीद मेजर विभूति की पत्नी निकिता द्वारा ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, वह बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए पूर्णरूप से तैयार हैं।
शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल के बलिदान के बाद कठिन समय पर ना केवल उन्होंने खुद को संभाला बल्कि परिजनो को भी इस दुःख की इस घड़ी में उबरने मदद की। इससे पूर्व वह एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब किया करती थीं। पति की शहादत की सूचना के बाद इस परिस्थिति से बाहर आने में उन्हें काफी वक्त लगा। उसके बाद उन्होंने निर्णय लिया, कि कॉर्पोरेट संस्कृति से भिन्न अपने पति की तरह ही भारतीय सेना की वर्दी पहनेंगी।
जिस वक्त शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल का पार्थिव शरीर घर लाया गया। उस वक्त उनकी पत्नी नितिका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमे शहीद मेजर विभूति ढौंढियाल के देह के निकट खड़ी उनकी पत्नी नीतिका ने अपने पति को सैल्यूट किया और कहा, ‘आपने मुझसे झूठ कहा था, कि आप मुझसे प्रेम करते हो। परन्तु आप मुझसे नहीं बल्कि अपने देश से अधिक प्रेम करते थे और मुझे इस बात पर गर्व है।’ इस वीडियो को जिसने ने भी देखा वो शहीद की पत्नी नितिका पर गर्व किये बिना नहीं रह सका। उन्होंने अपने एक बयान में कहा था, कि वह कोई अबला या बेचारी नहीं हैं, वह एक वीर शहीद की पत्नी हैं एवं उन्हें अपने पति की वीरगति पर गर्व है।
पहले बेटे के मातृभूमि पर बलिदान होने के बाद भी अपने दूसरे पुत्र को सेना में भेजने की महान परंपरा का निर्वाहन करने वाला भारतवर्ष सदैव वीरो की भूमि रहा है। समय – समय पर माता और बहनो ने भी मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राणो की आहुति दी है। अपने पति के बलिदान पर गर्व करने वाली बहने आज स्वयं भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर तैनात है। शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी से पूर्व भी चंद्रबनी के निवासी शहीद शिशिर मल्ल की पत्नी संगीता एवं नींबूवाला के वीरगति को प्राप्त दिवंगत अमित शर्मा की पत्नी प्रिया सेमवाल द्वारा भारतीय सेना की वर्दी पहनकर एक उच्च उदाहरण प्रस्तुत कर चुकी हैं। इसी क्रम में देहरादून हर्रावाला के निवासी दिवंगत शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति अभी ऑफिसर्स ट्रेनिंग संस्थान में ट्रेनिंग ले रही है हैं।
wife of martyr Major Dhoundiyal,will become an officer in the Indian Army